सोमवार, 20 जनवरी 2014

गणतंत्र के बहाने लोकतंत्र पर प्रहार ?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर लिखने का मन तो नहीं करता लेकिन इनकी सच्चाई से देश दुनिया को अवगत करवाने के लिए लिखना पड़  रहा है। कुछ पुलिस वालो के तबादले को लेकर धरना पर बैठे केजरीवाल आम आदमी के ऐसे नेता है जो आम आदमी के नाम पर आराजकता फैला रहे है। 20 दिन के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा किये जा रहे धरने से पूरी दिल्ली में अराजकता का जिस प्रकार माहोल बना है उससे दिल्ली कि सुरक्षा भी खतरे में है। देश कि राजधानी पर आतंकी साया पहले से ही मडरा रही है उसपर सारी व्यवस्था धरना स्थल पर लगी हुई है वही केजरीवाल का ताजा बयान भी चौकाने वाला है जिसमे उन्होंने कहा है कि गणतंत्र दिवस नहीं मनाने देंगे जो कि इस बात का द्दोतक  है कि इन्हे लोकतंत्र पर विश्वाश है ही नहीं ये सिर्फ भारत कि अखंडता को खंडित करने में लगे है गणतत्र दिवश हम हिंदुस्तानिओं के लिए त्यौहार से कम नहीं है इस मौके पर पुरे विश्व से लोग दिल्ली पहुचते है जहा से हमारी संस्कृति हमारी विरासत कि झलक संपूर्ण विश्व पटल पर पहुचती  है लेकिन गणतत्र दिवस से ठीक पहले अपने मंत्रियो के बचाव में किये जा रहे इस कुकृत धरने से पूरी दिल्ली अशांत करने कि साजिश इन नेताओ द्वारा रची जा रही है ? यह ठीक है कि दिल्ली पुलिस को राज्य के अधीन होना चाहिए यह भी सच है कि पुलिस तंत्र में बड़े पैमाने पर भ्रस्टाचार कायम है लेकिन मुख्य मंत्री का पद केजरीवाल के पास है और इन मांगो को केजरीवाल विधान सभा में प्रस्ताव पारित करके भी मांग सकते है इसके लिए सड़क पर कि जा रही इस प्रकार कि नौटंकी ऐसे समय में जब अनेक देशो के प्रतिनिधि गंततंत्र दिवस में सामिल होने भारत आ रहे हो इसे जायज नहीं ठहराया जा सकता।  फोर्ड और आवाज जैसी संस्थाओ से प्राप्त राशि के बल सड़क पर नेतागिरी कि दुकानदारी चला रहे केजरीवाल भारत कि गरिमा को धूमिल करने के प्रयास में लगे हुए है क्योकि धरना स्थल के करीब जिस प्रकार से  खाली  शराब कि बोतल मिली है इससे समझा जा सकता है कि इनके साथ कौन लोग है इनके मंत्री जहा  कश्मीर में जनमत सर्वेक्षण के बात कर पाकिस्तान  से बाहवाही लूटते है वही ये गणतत्र दिवस समारोह ना होने देने कि चेतावनी देते है संविधान कि कसम खा कर मुख्यमंत्री बने केजरीवाल संविधान कि गरिमा को तार तार करने में लगे हुए है जब मुख्य मंत्री धारा 144 तोड़ कर संविधान का उलंघन करे तो फिर जनता में क्या सन्देश जाता है ?आज इनकी वजह से दिल्ली के लाखो लोग परेसानी झेल रहे है जिस पुलिस वाले को दिन रात गाली दे रहे है उन्ही कि सुरक्षा घेरे में ये रात भर सोते  रहे  और बेचारे पुलिस वाले इनकी पहरेदारी में खड़े रहे क्या इन पुलिस वालो का मानवाधिकार नहीं है लेकिन सत्ता के मद में डूबे केजरीवाल को इसकी चिंता कतई नहीं है क्योकि इनका मकसद तो कुछ और ही है जो जल्द ही प्रकट होगा ?#aap