सोमवार, 18 मार्च 2013

21-16=5

16 साल में सेक्स १८ में लड़की की सादी जबकि लड़के की शादी की उम्र २१ साल २१- १६=५ इयर मजे के और कही इस दौरान बच्चे पैदा हो गए तो वो कहा जायेंगे क्या सरकार इसके लिए कोई राजीव गाँधी अनाथ आलय खोलेगी .बलात्कार के खिलाफ कोई कठोर कानून नहीं बना पाई सरकार तो नई बहस छेड़ दी गई / सहमती से सेक्स के बाद लड़के के ऊपर कोई क़ानूनी बाध्यता नहीं होगी क्योकि यह योन शोषण नहीं होगा अब लड़की या तो गर्भ पात करवाए (कानूनन वैध नहीं )या फिर बच्चे को जन्म देने के बाद किसी मंदिर मस्जिद इ सामने चुपके से छोड़ कर चली आये इसके सिवा लड़की के पास कोई चारा नहीं होगा और इसे कुछ लोग सरकार की सुधारवादी निति मान रहे है जो की कितना हाश्यास्पद प्रतीत होता है सरकार ने जनता से जुडी अन्य समस्याओ से लोगो का ध्यान सेक्स पर आकर्षित कर दिया सोचा देश के लोग बड़ा संस्कृति की दुहाई देते है चलो अब भारतीय संस्कृति पर ही हमला करते है जब से यह चर्चा उठी है चाहे सोशल मीडिया हो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या फिर प्रिंट मीडिया यहाँ तक की गली के पान दुकान में भी अब लोग देश से जुड़े अन्य मुद्दों को भूल कर सिर्फ इसी बात पर चर्चा में मशगुल है की देखो घुरना मत ,सिटी मत बजाना ,पीछा मत करना आखिर सरकार को क्या हो गया है पाकिस्तान द्वारा ५ सैनिको की हत्या नक्सालियो द्वारा सी आर पि अफ कैंप में हमला ,काला धन ,आतंकवाद ,भ्रस्टाचार ,महंगाई जैसे मुद्देअचानक से ही गौण हो गए है जो की सरकार चाहती थी इन विषयो पर चर्चा होते होते एक दो महीने का समय बीत जायेगा जनकल्याण की नीतिया ठंढे बसते में डाल दी जाएँगी और चुनावो का वक्त आ जायेगा और यही सरकार चाहती है की जनता को गुमराह कर अपना एजेंडा लागु कर दिया जाये देश की एकता ,अखंडता ,संस्कृति पर किसी को सोचने का मौका ही ना दिया जाये .

रविवार, 3 मार्च 2013

बांग्लादेशी हिन्दुओ को बचाओ ?

बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिन्दुओ के साथ अत्याचार किया जा रहा है गौरतलब हो की जमाते इश्लामी नेता को फासी दिए जाने के बाद यहाँ तनाव उत्पन हुआ है जमाते इस्लामी के नेता को १९७१ के युद्ध में पाकिस्तान का साथ देने के आरोप में बांग्लादेश सरकार द्वारा फाशी की सजा दी गई और उसके बाद से ही जमात के सद्श्यो द्वारा अल्पसंख्यक हिन्दुओ के ऊपर अत्याचार हो रहा है .हिंसा में अब तक सैकड़ो जाने जा चुकी है वही सूत्रों की माने तो इस हिंसा का पूरा लाभ आई एस आई उठा रही है और भारत विरोधी ताकतों को भारतीय सीमा में प्रवेश की योजना तैयार की जा रही है बांग्लादेश में हिन्दुओ के घर जलाये जा रहे है मंदिरों को तोडा जा रहा है महिलाओ के साथ दुराचार किये जा रहे है और भारत सरकार की और से अभी तक कोई बयान तक नहीं आया है भारत बांग्लादेश सीमा पर तनाव की स्तिथि बनी हुई है हिंसा का शिकार बने हिंदुओं के मुताबिक इन घटनाओं ने उन्हें 1971 के दौर की याद दिला दी है। जमात-ए-इस्लामी सदस्यों के उत्पात का निशाना बने राजगंज इलाके के शिक्षक शंकर चंद्र ने डेली स्टार को फोन करके बताया कि उनके समेत करीब 50 हिंदू परिवारों को अपना घर-बार छोड़कर अन्य जगह शरण लेनी पड़ी है, क्योंकि जमात के लोग हिंदुओं के घर जलाने के साथ-साथ उनकी पिटाई भी कर रहे हैं। शंकर चंद्र ने कहा कि 1971 में वह सात साल के थे, लेकिन तब उतना भयभीत नहीं थे जितने आज हैं। -- हजारो इ संख्या में हिन्दू अपना घर बार छोड़ कर पालयन कर रहे है .भारत सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि अल्प संख्यक बांग्लादेशी हिन्दुओ के जान माल की रक्षा हो सके