रविवार, 16 अगस्त 2015

बिहार में ओबेशी के आगमन के मायने ?

हैदराबाद से लोकसभा सांसद और एमआईएम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असद उद्दीनओबेसी आज बिहार के मुश्लिम बहुल किशनगंज जिले में पहुंचे जहा एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने नितीश कुमार पर जम कर हमला बोला यही नहीं ओबेशी ने लालू यादव और कांग्रेस को भी कटघरे में खड़ा करते हुए मुसलमानो के पिछड़े पन का जिम्मेवार बताया और कहा की नितीश कुमार विकास विकास का नारा लगते है लेकिन नितीश कुमार विकास के सबसे बड़े विरोधी है २००५ से सत्ता में रहते हुए नितीश कुमार को सिर्फ एक इलाके का विकास दिखता है यही नहीं मुसलनाओ का विरोधी बताते हुए नितीश कुमार को गोधरा ट्रैन अग्निकांड का प्रायोजक बता डाला .हलाकि भाजपा पर भी हमला बोलते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा किया और आर्टिकल ३७१ के तहत सीमांचल को विशेष पैकेज देने की मांग की लेकिन इस इलाके में उनके दौरे का असर भाजपा को कम और महागठबंधन को अधिक होगा . गौरतलब हो की लोकसभा चुनाव में हार के बाद नितीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से गठबंधन किया ताकि जो मुश्लिम वोट अभी तक लालू के खाते में था वो अब गठबंधन को प्राप्त हो जायेगा लेकिन अब ओबेशी एक नई चुनौती के रूप में महागठबंधन के सामने उभर कर आये है जिससे निकलने के लिए महागठबंधन को कठिन परीक्षा पास करनी होगी .बिहार में अठारह प्रतिशत मुश्लिम मतदाता है जिसपर अभी तक नितीश कुमार लालुयादव और कांग्रेस का एकाधिकार रहा है लेकिन ओबेशी के किशनगंज आगमन से सियासत पूरी तरह गर्मा गई है और बड़ी तादाद में लोग ओबेशी को अपना रहनुमा मानने लगे है . सोशल मीडिया प्रयोग करने वाला युवाओ का एक बड़ा तबका ओबेशी में अपना नेता देखने लगा है जो की महागठबंधन के लिए सरदर्द साबित होगा क्योकि आज जिस प्रकार से ओबेशी ने आकड़ो के अनुसार बिहार के सियासी दलों पर हमला बोला है इससे जाहिर होता है की विधान सभा चुनाव में वो सीमांचल के इस क्षेत्र में जिसमे की पूर्णिया अररिया कटिहार किशनगंज शामिल है और विधान सभा की लगभग ४० सीट इन जिलो में आती है और बड़ी संख्या में मुश्लिम मतदाता है में अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे हलाकि ओबेशी ने पूरी तरह पत्ता नहीं खोला है और उनका कहना है की जनता जनार्दन जो फैसला करेगी सर आँखों पर होगा गौरतलब हो की ओबेशी को यहाँ अख्तरुल ईमान जो की लोकसभा चुनाव जनता दल यूनाइटेड की टिकट पर लड़ते लड़ते खुद को चुनाव से अलग कर लिया था और कहा था की भाजपा को रोकने की खातिर वो चुनाव से खुद को अलग कर रहे है ने किशनगंज में बुलाया है और यह बात किसी से छुपी नहीं है की अख्तरुल ईमान के मैदान से हटने के बाद इस सीमावर्ती इलाके में भाजपा को सभी सीटो पर हार का सामना करना पड़ा था और सभी सीट महागठबंधन के खाते में चली गई थी और अब मुश्लिम वोटो का धुर्वीकरण यदि एमआईएम के पक्ष में होता है तो सहज अंदाज़ा लगाया जा सकता है की इसका सीधा असर महागठबंधन पर होगा .

गुरुवार, 13 अगस्त 2015

स्वतंत्रता दिवस के बहाने ?



देश ६९ वा स्वतंत्रता दिवस मानाने जा रहा है . लाल किले के प्राचीर से दूसरी बार बतौर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तिरंगा फहराएंगे पिछले वर्ष मोदी जी ने जब पहली बार लाल किले के प्राचीर से झंडा फहराया तो देश उत्साह से लबरेज था की एक युवा प्रधान मंत्री के हाथो में देश नई उचाईयो को प्राप्त करेगा . योजनाये अब कागजो तक ही सिमटी नहीं रहेगी , योजनाओ को मूर्त रूप देने वाला प्रधान मंत्री अब इस देश में है जो कहता है की ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा , देश की और आँख दिखाने वाले अब आँख दिखाने की हिम्मत नहीं करेंगे , राम राज का सपना साकार होगा विदेशो में हिंदुस्तान की धाक होगी हर और अमन चैन का वातावरण होगा और भी ना जाने कितने सपने अच्छे दिनों की आस में आम हिन्दुस्तानियो ने देखने आरम्भ कर दिए थे ,लेकिन इन एक वर्षो से भी अधिक समय में अगर जमीनी स्तर पर नई सरकार की उपलब्धियों को देखा जाए तो अब वो तमाम मुद्दे एक बार फिर से ठंढे बस्ते में भाजपा सरकार ने डाल दिए है जिसकी उम्मीद पर देश की गरीब जनता ने पूर्ण बहुमत प्रदान किया था . ऐसा नहीं है की सरकार ने काम नहीं किया या योजनाये नहीं बनाई योजनाये भी बानी और सरकार काम भी करना चाहती है लेकिन जितनी उम्मीद जनता ने सरकार से पाल रखा था उसपर अब तक यह सरकार खरी नहीं उतरी है यह अब कोई अदना सा व्यक्ति भी कह सकता है . भरस्टाचार पर कभी संसद ना चलने देने वाली सरकार अब खुद ही विपक्ष द्वारा कटघरे में खड़ी कर दी गई है संसद का सत्र पूरी तरह बेकार चला गया लेकिन जनता के हित में सरकार कोई फैसला नहीं ले सकी हलाकि यह विपक्ष की तानासाही कही जा सकती है लेकिन सवाल उठता है की अब तक इस सरकार के द्वारा कितने भ्र्स्ताचारियो को जेल भेजा गया चाहे शीला दिक्षित हो या फिर कन्नी मोई ए राजा या फिर दयानिधि मारन और ना जाने कितने नाम खुले आम घूम रहे है और उन कार्यकर्ताओ का मुह चिढ़ा रहे है जो कहते नहीं थकते थे की भाजपा सरकार आई तो इनका घर जेल की काल कोठरी होगी अब वही कार्यकर्त्ता मुह चुरा कर कन्नी काट निकल जाने पर मजबूर है सबसे बुरी स्थिति तो जम्मू कश्मीर में देखने को मिली जिसको कल तक आतंकियों का पैरोकार कहा जाता था उसी के साथ सरकार बना कर आज सत्ता का मजा लूट रहे है सारी की सारी नैतिकता धरी की धरी रह गई और मसरत रिहा हो गया , गिलानी खुले आम चेतावनी देता घूम रहा है पाकिस्तान लगातार सीमा पर सीज़ फायर का उलंघन कर रहा है जवानो की मौत आम हो गई और सरकार वार्ता पर वार्ता करने में व्यस्त है . काल धन पर एसआईटी के गठन के बाद से करवाई होती नहीं दिख रही , स्किल इंडिया के तहत बेरोजगारो को रोजगार प्रदान करने की बात कही गई है लेकिन अभी यह एक सपना ही है जैसे की स्वक्षता अभियान चला कर आम जनता को स्वच्छ बनाने का सपना पीएम साहब ने देखा लेकिन आम जनता कब जागरूक होगी और कब यह सपना साकार होगा उसी प्रकार किसानो के लिए प्रधान मंत्री सिचाई योजना भी जमीन पर कही नजर नहीं आ रही है अटल ज्योति योजना भरस्टाचार की भेट चढ़ रही है . देश में बेरोजगारी का आलम ऐसा है की किसी कार्यालय में चपरासी के एक रिक्त पद के लिए आवेदन मंगाए जाते है तो वहा २० हजार ऐसे युवक आवेदन देते है जो की पोस्ट ग्रेजुएट है .बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या का सिलशिला थमने का नाम नहीं ले रहा है लेकिन संसद में माल महाजन का मिर्जा खेले होली वाली कहावत चरितार्थ हो रही है ? सरकार ने पोर्न पर प्रतिबन्ध लगाया लोगो को खुसी हुई लेकिन दूसरे दिन ही तब निराशा हाथ लगी जब सरकार के मंत्री ने कहा की हम किसी के बैडरूम में नहीं झांक सकते आखिर ऐसे में जिन अच्छे दिनों की आस में झोली भर कर जनता ने समर्थन दिया था वो क्या करे कभी दूसरे को मजबूर कह कर चिढ़ाने वाले आज खुद ही मजबूर दिख रहे है इस लिए प्रधान मंत्री जी इन एक से अधिक वर्षो में जो हुआ जाने दे जनता ने आप से काफी उम्मीद पाल रखा है . जनता समझदार है वो विपक्ष के पंद्रह लाख के बहकावे में नहीं आएगी उसे बैंक खातों में पंद्रह लाख नहीं चाहिए . जनता को सिर्फ रोटी कपडा और मकान चाहिए .भरस्टाचार मुक्त भारत चाहिए ,किसानो को खेतो में पानी और खाद चाहिए , खुले आसमान में सोने वालो को एक अदना सा छत चाहिए , ट्रेनों में आरामदायक सफर ,चाहिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी चाहिए बच्चो को शिक्षा का अधिकार चाहिए गौ माता के ललाट पर मुश्कान चाहिए आतंकियों के लिए कब्रिस्तान चाहिए ……

शनिवार, 8 अगस्त 2015

नेपाल और बांग्लादेश सीमा पर जनसँख्या असंतुलन का खतरा ?

भारत नेपाल और बांग्लादेश सीमा पर जनसँख्या असंतुलन से आने वाले समय में सुरक्षा बालो को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है . सूत्रों  की माने तो भारत बांग्लादेश सीमा हो या फिर नेपाल सीमा पर विगत कुछ वर्षो से धर्म विशेष के लोगो को बसाने की मुहीम एक सोची समझी साजिश के तहत रची जा रही है जिसकी  वजह से सीमा क्षेत्र में हिन्दू समुदाय अल्पसंख्यक हो रहा है .प्रबुद्ध नागरिको को सायद यह बताना जरुरी नहीं की इससे क्या क्या खतरा हमारे सामने उतपन्न हो सकता है / राष्ट्रवादी संगठनो द्वारा सीमा क्षेत्र में किये गए सर्वे भी काफी चौकाने वाले है की किस प्रकार से जेहादी ताकतों द्वारा सीमा क्षेत्र में मदरसो की संख्या में बेतहासा वृद्धि की जा रही है और जनसँख्या बढ़ा कर सीमा क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की जा रही है . ख़ुफ़िया सूत्रों  की माने तो नेपाल और बांग्लादेश सीमा पर कई आतंकी संगठन सक्रिय है जो आर्थिक रूप से कमजोर नागरिको को प्रस्रय देने का काम करते है और उसके बदले सीमा पर तैनात जवानो के खिलाफ इनकी बहन बेटियो को हथियार के रूप में इस्तेमाल करते है यही नहीं बॉर्डर पर जवानो को कई प्रकार के प्रलोभन  दिए जाते है  और जब इसमें सफलता नहीं मिलती तो बेवजह फ़साने की साजिश इनके द्वारा रची जाती है और पूरी सेना को कटघरे में रख कर ऐसा दिखने की कोशिश की जाती है की भारतीय सेना  तुम्हारी और तुम्हारे  तरक्की की दुसमन है . बिहार और बंगाल से लगती भारत नेपाल सीमा और बांग्लादेश सीमा पर विगत कुछ दिनों में घटी घटनाये भी अब गवाही देने लगी है की पूर्वोतर के क्षेत्र को अशांत करने की कोशिश किस प्रकार से की जा रही है गौरतलब हो की एक सप्ताह पूर्व  बिहार के किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड स्थित भारत नेपाल सीमा पर सस्त्र सीमा बल के दो जवानो को बुरी तरह पीटा गया यह आरोप लगा कर की इन्होने लड़की के साथ छेड़खानी की है लेकिन जब पुलिस ने मामले की जांच की तो और लोगो से थाना में मामला दर्ज करवाने की अपील की तो किसी ने एफआईआर दर्ज नहीं करवाया आखिर क्यों ऐसी घटनाओ की बाढ़ सी हैं जहा जवानो के मनोबल को तोड़ने का प्रयाश अभी से आरम्भ हो चूका है इसलिए समय रहते जरुरत है की भारत सरकार मामले पर गंभीरता पूर्वक विचार करे और बिहार बंगाल से लगती नेपाल और बांग्लादेश सीमा पर कड़ी निगरानी करे ताकि पाकिस्तान सीमा और कश्मीर वाले हालत यहाँ पैदा ना हो ?  

बुधवार, 5 अगस्त 2015

पोर्न बंद ?

केंद्र सरकार द्वारा अश्लील वेबसाइट पर प्रतिबन्ध लगा कर देश की संस्कृति को बचने का एक सार्थक प्रयाश किया गया आज  99% बलात्कार की घटनाए पार्न विडियो और नशे की वजह से समाज मे घटित हो रही है ।महिलाओ को जिस प्रकार विडियो मे देखते है उसी प्रकार की क्षवि मस्तिष्क मे बन जाती है ।युवा वर्ग पार्न फिल्म देखकर दिग्भ्रमित हो रहे है और महिलाओ को मनोरजन का साधन मात्र समझते है जिसका असर आने वाली पीढियो पर पडेगा । सरकार की घोषणा से खुशी हुई थी लेकिन जब पुनः सुचना प्रसारण मंत्री रवि शंकर प्रसाद  द्वारा घोषणा कि गई कि सिर्फ बच्चो की साईट को बंद किया जाऐगा तो निराशा हुई आखिर ये उ टर्न किसके दबाब में लिया जा रहा है यह सभ्य समाज जानना चाहता है क्योकि देश की बहुसंख्यक आबादी इसके पक्ष में नहीं है . तथाकथित बुद्धिजीवियों और पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण करने वालो के दबाब में एक पूर्ण बहुमत की सरकार आ जाये यह चिंता की बात है . आज जिस प्रकार की घटनाये देखने और सुनने को मिल रही है उसमे पोर्न वीडियो का बहुत बड़ा हाथ है लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं मानते और ये वही लोग है जो की सड़क पर किश ऑफ़ डे मानाने से भी नहीं हिचकते तो क्या ऐसे लोगो के दबाब पर सरकार फैसले को वापस लेने पर मजबूर हुई है   सरकार इस मामले मे गंभीरता पुर्वक विचार करे और सभी साईट को बंद करे तथाकथित पश्चिमी संस्कृति के दलालो के विरोध को दरकिनार कर भारतीयता को बचाने की आवश्यकता है ।‪#‎Bjp_Govt‬ ‪#‎Porn‬ ‪#‎Ban‬