रविवार, 30 सितंबर 2012

डर गए नितीश ?


इन दिनों बिहार के सुसाशन बाबु यात्रा पर चल रहे है यात्रा का नाम भी बढ़िया दिया है अधिकार यात्रा और इस यात्रा का उद्देश है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाना  आप को याद होगा परिवर्तन यात्रा से इन्होने यात्राओ का दौरा आरम्भ किया था और परिवर्तन के बाद सेवा और अब अधिकार लेकिन जितनी फजीहत इन्हें इस अधिकार यात्रा में झेलनी पड़ी उतनी फजीहत सायद ही पहले इन्होने झेली होगी जहा जहा गए नितीश बाबु वहा वहा इन्हें विरोध का सामना करना पड़ा तो क्या इन्होने जनता का विश्वाश खो दिया ?वो जनता जिशने लालू यादव के जंगल राज से मुक्ति के लिए पूर्ण बहुमत से सत्ता की कुर्शी तक पहुचाया था उस जनता के लिए क्या ये इतने बुरे हो गए की जूते चप्पल से इनका स्वागत करना पड़ रहा है तो इसके पीछे के कारणों पर जाना पड़ेगा जनता कभी ना किसी की बपौती रही है और ना रहेगी और यही बात ये भूल गए है इन्होने जितने वायदे किये सब के सब आज धुल फाक रहे है .सरकारी कार्यालयों का हाल आज भी वैसा 
ही है जैसा लालू जी के राज में हुआकरता था है तब पैसे देकर काम हो जाते थे आज पैसे देकर भी बाबुओ की जी हजुरी करनी पड़ती है जाति वाद ऐसा बढाया की दलित को दलित से ही लड़ा दिया और उसमे भी दो श्रेणी कर दी दलित और महादलित की आवाज उठाने वालो का मुह बंद कर दिया गया .सरकारी योजनाओ में धांधली तो आम बात हो गई ऊपर से जिसने सत्ता की कुर्शी तक पहुचने का काम किया उसे ही ठेंगा दिखाने लगे स्वाभिमान कुछ अधिक ही जागने लगा प्रधान मंत्री तक बनने की सोचने लगे जिसका नतीजा है आज आप का डर जाना तभी तो दरभंगा में विरोध करने वालो को उदंड कह दिया और ११ शिक्षको को बर्खास्त करने की सजा भी सुना दी किशनगंज में विरोध के डर से कार्यकर्ताओ को पास दे दिया गया ताकि विरोध करने वाले सभा स्थल तक पहुच ही ना पाए यही नहीं जो कार्य कर्ता काली रंग की टी सर्ट में गए थे उन्हें भी सभा स्थल पर जाने नहीं दिया गया ,अगर शिक्षको की बात सुन ही लेते तो आप का क्या बिगड़ जाता आप तो जनता के चुने हुए जनता के नुमायिन्दे है तब फिर इतना गुस्सा क्यों आता है आप को विरोध हजम क्यों नहीं कर पाते ऐसे कैसे प्रधान मंत्री बन पाएंगे आम देखिये तो कैसे मनमोहन बाबु इतना कुछ सुन कर भी चुप चाप रहते है .विरोध करने वालो को रविवार को भी हाजरी बनाने बुलवाया जा रहा है यह कैसा सुसाशन है आप का …

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