शुक्रवार, 20 जून 2014

हंगामा है क्यों बरपा ?

भारतीय अर्थ व्यवस्था को मजबूत स्थिति प्रदान करने के  उद्देश्य से कड़े निर्णय की बात कह कर प्रधान  मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बजट से  पूर्व कड़ा  निर्णय  लेते हुए   रेल भाड़ा में बढ़ोतरी कर  दिया जिसे लेकर चहुंओर हंगामा मच गया  है।  लेकिन सवाल उठता है   जब आप अच्छे दिन की कामना रखते है तो उसके लिए कुछ त्याग भी करना पड़ेगा क्योकि चुनाव से पूर्व जब मोदी जी ने बुलेट ट्रैन चलाने की बात कि   थी तो आम जनमानस ने खूब तालिया बजाई थी अब यदि बुलेट ट्रैन को धरातल पर लाना है तो उसके लिए संसाधनो की आवश्यकता पड़ेगी जिसके  लिए  धन       चाहिए और वो धन मोदी जी अपने घर से तो लाएंगे नहीं हमारे और आप के सहयोग से ही योजनाओ को अमली जामा पहनाया जायेगा ? इस लिए धैर्य रखने की आवश्यकता है और कुछ पाने   के लिए कुछ  खोना पड़ता है यह क्यों भूल जाते है ? 

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