मै सांप्रदायिक हूँ ?
जी हा मै सांप्रदायिक हूँ क्योकि मुझे अपने सनातन धर्म पर गर्व है और आज कल जिस हिन्दू को अपने धर्म पर गर्व है उसे भारत में सांप्रदायिक कहा जाता है आखिर क्यों ना हो मुझे अपने धर्म पर गर्व इसी धर्म ने मुझे जीने की राह दिखाई इसी धर्म के गीता ,रामायण और पुराण ने एक जीवन पद्दति दी आज उसी गीता और रामायण पर उंगलिया उठाई जा रही है और में बोलता हु तो सांप्रदायिक कहलाता हु .हमारे हजारो वर्षो के इतिहाश को हमारे सामने ही झुटलाया जाता है जबकि कश्मीर से कन्या कुमारी तक सिर्फ और सिर्फ हम ही हम है अन्य कोई नहीं .विदेशी आक्रान्ता आज मसीहा बन बैठे और मसीहा को बुत परस्त कहा जाने लगा जिन्हें हमने आगे बढ़ कर गले लगाने की कोसिस की वही आज हमारी गर्दन पर छुरा चलाने लगे और खुद को शांति का दूत बताते है .भगत सिंह को आतंकी और आतंकी को धर्म का रक्षक बना पालने लगे और कहते है अमन हमारा नारा है .यदि अमन की चिंता है तो क्यों बार बार सरियत की दुहाई देते हो खुले आम धर्म परिवर्तन कर गौ माता को काट कर निर्दोशो का खून बहा कर आस्था पर चोट पंहुचा कर प्राचीन गौरव शाली इतिहास तक को तोड़ मरोड़ कर जेहन मे बैठाने की की जा रही तुम्हारी कोशिश आज मुझे और सांप्रदायिक बनने पर मजबूर कर रही है अन्यथा में तो वसुदेव कुटुम्बकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः में विस्वाश रखता था .
जी हा मै सांप्रदायिक हूँ क्योकि मुझे अपने सनातन धर्म पर गर्व है और आज कल जिस हिन्दू को अपने धर्म पर गर्व है उसे भारत में सांप्रदायिक कहा जाता है आखिर क्यों ना हो मुझे अपने धर्म पर गर्व इसी धर्म ने मुझे जीने की राह दिखाई इसी धर्म के गीता ,रामायण और पुराण ने एक जीवन पद्दति दी आज उसी गीता और रामायण पर उंगलिया उठाई जा रही है और में बोलता हु तो सांप्रदायिक कहलाता हु .हमारे हजारो वर्षो के इतिहाश को हमारे सामने ही झुटलाया जाता है जबकि कश्मीर से कन्या कुमारी तक सिर्फ और सिर्फ हम ही हम है अन्य कोई नहीं .विदेशी आक्रान्ता आज मसीहा बन बैठे और मसीहा को बुत परस्त कहा जाने लगा जिन्हें हमने आगे बढ़ कर गले लगाने की कोसिस की वही आज हमारी गर्दन पर छुरा चलाने लगे और खुद को शांति का दूत बताते है .भगत सिंह को आतंकी और आतंकी को धर्म का रक्षक बना पालने लगे और कहते है अमन हमारा नारा है .यदि अमन की चिंता है तो क्यों बार बार सरियत की दुहाई देते हो खुले आम धर्म परिवर्तन कर गौ माता को काट कर निर्दोशो का खून बहा कर आस्था पर चोट पंहुचा कर प्राचीन गौरव शाली इतिहास तक को तोड़ मरोड़ कर जेहन मे बैठाने की की जा रही तुम्हारी कोशिश आज मुझे और सांप्रदायिक बनने पर मजबूर कर रही है अन्यथा में तो वसुदेव कुटुम्बकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः में विस्वाश रखता था .
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