देश की मीडिया नरेन्द्र मोदी को पूरी तरह अस्वीकार्य साबित करने पर तुल चुकी है लेकिन देश का जन मानस मीडिया की तमाम कोसिशो के बाबजूद भी टस से मस नहीं हो रहा है जिसका उद्धरण है मीडिया द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण चाहे times पत्रिका की सूचि हो या फिर इंडिया टुडे ग्रुप का ओ आर जी सर्वे या फिर स्टार ग्रुप का निल्सन सर्वे सभी सर्वेक्षणों में मोदी को प्रधान मंत्री के रूप में सबसे पसंदीदा व्यक्तित्व बतया गया लेकिन क्यों की देश की मीडिया विदेशी हाथो की कठपुतली है और हमेसा सत्ता की मलाई का स्वाद चखने की आदत पड़ी हुई है जिस कारन इन सर्वेक्षणों के बाद भी नए नए विवादों को खुद ही जन्म देती रहती है आज जितने भी विवाद सामने आ रहे है सारे के सारे भारतीय छद्म सत्ता पोषित मीडिया और उन नेताओ की देन है जिन्हें यह दर अभी से सता रहा है की यदि मोदी एक बार सत्ता तक पहुच गए तो फिर उनकी दुकानदारी पूरी तरह बंद हो जाएगी जबकि जब नरेन्द्र मोदी ने गुजरात की सत्ता सम्हाली थी उस समय के गुजरात और आज के गुजरात में जमीन आसमान का फर्क आ चूका है , तब गुजरात सिर्फ हिरा उद्योग के चलते जाना जाता था लेकिन आज का गुजरात अपने में असीम संभावनाओ को समेट कर एक नई बुलन्दियो पर पहुचने के नाम पर जाना जाता है देश के बड़े बड़े व्यपारिक घराने खुद चल कर गुजरात में निवेश करने की इक्छा जाहिर करते है और निवेश किया भी है जिसका नतीजा है की गुजरात देश के अन्य राज्यों की तुलना में प्रगति की राह पर अग्रसर है जो की एक तानासाह के नेतृत्व में तो कतई नहीं हो सकता .मोदी ने स्वयम गुजरात को गढ़ा है और आज वो इस उचाई पर पहुच चुके है जिस उचाई पर पहुचने के लिए नितीश जैसे नेता जो खुद को धर्म निरपेक्ष छबी का बता कर मुश्लिम तुष्टिकरण की निति के झंडाबरदार बने है सोचना पड़ेगा मोदी को जिन गुजरात दंगो का दोषी बार बार ठहराया जाता है वैसे सैकड़ो दंगे देश में पूर्व में भी हो चुके है लेकिन उन दंगो पर चर्चा नहीं की जाती और ना ही उन दंगो के दोषीओ को आज तक सजा ही मिल पाई जबकि गुजरात का दंगा गोधरा में निर्दोष कार सेवको को जलाने के बाद एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया ही थी ना की मोदी द्वारा गढ़ी गई कोई सुनियोजित साजिश इस लिए मोदी को कतई गुजरात दंगो का दोषी नहीं माना जा सकता और इसका ज्वलंत उदहारण है उनका बार बार गुजरात में जितना अन्यथा गुजरात की जनता इतनी बेवकूफ नहीं है की बार बार उन्हें सत्ता सौपे और अब तो बड़े पैमाने पर मुश्लिम वोट भी मोदी को मिल रहे है सिर्फ मुश्लिम टोपी पहन कर ही मुसलमानों का दिल नहीं जीता जा सकता मुश्ल्मानो का दिल जितने के लिए उनके लिए प्रगति की राह बनानी पड़ेगी और ऐसा मोदी ने किया है आज गुजरात के मुश्ल्मान पूर्व से बेहतर जिंदगी जी रहे है और एक दंगे के बाद दुबारा कोई दंगा नहीं हुआ जबकि गुजरात में कांग्रेस राज में आये दिन दंगे होते रहते थे और यही कारन बनेगा उन्हें देश की सत्ता सौपने का जो व्यक्ति गुजरात को सम्ब्रिधि दिला सकता है वो व्यक्ति भारत की सम्ब्रिधि का भी कारन बनेगा जहा तक आडवानी जैसे नेता के पार्टी में रहने की बात है तो आडवानी जी को देश की जनमानस ने ठुकरा दिया है और और पार्टी के साथ साथ अब देश का युवा वर्ग देश में ऐसा नेतृत्व चाहता है जिसमे उर्जा हो और मोदी जी में वह उर्जा अभी है जिस उर्जा की आवश्यकता इस देश को चलाने के लिए चाह्हिये ताकि यह अपनी खोई हुई पहचान को पुनह प्राप्त क़र पाए और गुजरात ब्रांड के बाद सम्पूर्ण देश का ब्रांड बनने की पूरी क्षमता नरेन्द्र में है जिसका नतीजा है की आज विपक्षी पार्टियो के साथ साथ भाजपा के भी कद्दावर नेताओ को नरेन्द्र से इर्ष्या होने लगी है लेकिन सभी झंझावतो को पार क़र एक कुसल शासक के सम्पूर्ण गुण विद्यमान है जो की इन्हें कश्मीर से कन्याकुमारी तक का ब्रांड बनने के लिए चाहिए जहा तक पार्टी के अंतर कलह की बात है तो इस अंतर कलह का अब पार्टी नेतृत्व को समीक्षा करनी चाहिए ना की इसमें उलझ क़र रहना चाहिए अन्यथा पार्टी को हासिये पर धकेलने का काम देश की जनता नहीं खुद पार्टी के नेताओ के हाथो ही होगा जो की वर्तमान स्तिथि में भारत के लिए अच्छा नहीं साबित होने वाला है आज विपक्ष को जितने मौके इस कांग्रेस की सरकार ने दिए सायद ही इतने मौके फिर कभी मिले देश का जन मानस अपना मन बना चूका है और अब पार्टी को भी मन बना लेना चाहिए की ऐन केन प्रकारेण ….नरेन्द्र के नेतृत्व में सत्ता प्राप्त क़र कांग्रेस राज से मुक्ति दिलाये ताकि आम आदमी चैन की शाश ले सके …एक नरेन्द्र (स्वामी वेवेकानन्द) ने अपनी प्रतिभा से सम्पूर्ण विश्व में हिंदुस्तान की जय जय क़र करवाई अब दुसरे नरेन्द्र मोदी से भी इस देश के युवाओ को यही उम्मीद है और लगता है अब वो दिन दूर नहीं जब सच में ऐसा होगा .जय जय भारत माँ भारती .
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