कांग्रेस हमेसा से चाहती थी कि देश टुकड़ो में विभाजित रहे ताकि वो सत्ता सुख भोगते रहे और यही हो रहा है जब देश में महंगाई भ्रटाचार गरीबी अशिक्षा आतंकवाद जैसे मुद्दे हावी हो रहे थे तो तत्काल राहुल गांधी ने सिख दंगो पर बहस छेड़ दी जिसका नतीजा हुआ कि गुजरात दंगो पर भी चर्चा चल निकली। साम्प्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता पर पर सवाल खड़े किये जाने लगे कांग्रेस नेता गुजरात दंगो कि बात करते है लेकिन गुजरात दंगो का कारन क्या था और गोधरा में कार सेवको कि हत्या किसने कि इस पर बात करने से कतराते है आखिर नानावटी आयोग कि जाच को ख़ारिज कर लालू प्रसाद यादव ने जिस सप्रंग 1 के दबाब में बनर्जी कमीसन को बनाया उसने कैसे सबूतो से खिलवाड़ किया इसका भी जबाब देश जानना चाहता है ? 2004 में कांग्रेस जैसे ही सत्ता में आई सबसे पहले उसने लालू प्रसाद यादव जो तत्कालीन रेल मंत्री थे पर दबाब बनवा कर गोधरा कांड के जाच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज उमेश चन्द्र बनर्जी के नेतृत्व में बनर्जी कमिसन बनवाया जिसने साबरमती ट्रैन में हुए कारसेवको कि मौत का कारन मानवीय भूल बताया। क्योकि हाजी बिलाल जो कि कांग्रेस नेता था उसे सजा से बचाना इनका मकसद था। गौरतलब हो कि गोधरा में 59 हिन्दुओ के मारे जाने के बाद ही गुजरात में दंगा भड़का था। उसके बाद कांग्रेस ने पोटा हटा दिया बाद में 17 मार्च 2002 को मुख्य संदिग्ध हाजी बिलाल , एक स्थानीय नगर पार्षद और एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समर्थक को गोधरा में एक आतंकवाद विरोधी दस्ते ने गिरफ्तार कर लिया बिलाल ने भी गिरोह के नेता लतीफ के साथ पाकिस्तान में कई बार कराची का दौरा किया था वही कई आरोपी बंगाल के रास्ते बंगलादेश भागने में सफल हो गए थे ? कोर्ट ने बनर्जी कमीशन के बातो को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया और नानावटी साह कमीसन के जाच को तरजीह देते हुए फरवरी 2011 को निचली अदालत 31 लोगों को दोषी करार दिया और इस घटना को एक ” पूर्व नियोजित षड्यंत्र माना। राज्य सरकार ने फैसले के खिलाफ आरोपिओ को फासी देने कि मांग कि है ?क्या इसका जबाब कोई कांग्रेस नेता देगा कि क्यों आज तक गोधरा और सिख दंगो पर बचते फिरते है। बार बार दंगो के नाम पर मुश्लिम तुष्टिकरण कर वोट कि फसल काटने वाले किसी कांग्रेसी राजद सपाई बसपाई के पास इसका जबाब नहीं है ?
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