बुधवार, 28 जनवरी 2015

कलंक कथा ?


किशनगंज पुलिस देह व्यापर के धंधे में लिप्त आठ लड़कियों को मुक्त करवाने में सफल हुई है साथ ही चार महिला दलाल और छह ग्राहक को भी गिरफ्तार किया है वही दो दलाल पुलिस को चकमा देने में सफल हो गए। आरक्षी अधीक्षक राजीव रंजन का कहना है कि गिरफ्तार महिला दलालो द्वारा ना सिर्फ अपनी बेटी से देह व्यापर का धंधा करवाया जा रहा था वरन अन्य जिलो से भी लड़कियों को यहाँ मंगाया जाता था यही नहीं मुक्त करवाई गई लड़कियों में दो मानसिक रूप से विछिप्त भी है गौरतलब हो की मंगलवार को देर रात पुलिस बहादुरगंज के प्रेम नगर में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मो कासिम के नेतृत्व में छापेमारी से यह सफलता मिली लेकिन सवाल उठता है की पिछले छह महीने में पुलिस ने चार दर्जन से अधिक लड़कियों को मुक्त करवाया उनका क्या हुआ ? समाज सेवी फरजाना बेगम की माने तो मुक्त करवाई गई लड़कीओ के लिए मात्र साल का छह हजार रुपया सरकार की और से निर्धारित है जिससे उनका कुछ होने वाला नहीं है जिस वजह से ये लडकिया पुनः उसी दलदल में जाने को मजबूर हो जाती है वही दलाल भी कमजोर कानून का सहारा लेकर छूट जाते है हलाकि कुछ लड़कियों को उनके परिजन अपना लेते है लेकिन सब उतनी भाग्य शाली नहीं होती। मालूम हो की देह व्यापर के दलाल किशनगंज को ट्रांजिट पॉइंट के रूप में इस्तेमाल करते है और अन्य जिलो के साथ साथ नेपाल बांग्लादेश और खाड़ी देशो से भी यहाँ के दलालो के तार जुड़े होने के कई मामले सामने आ चुके है और एक दर्जन से अधिक चिन्हित चकला घरो के अलावे यहाँ के होटल और कई सफ़ेद पोसो के घरो में भी धंधा बेरोकटोक चलता है। जरुरत है देह व्यापर में शामिल सफ़ेद पोसो को चिन्हित कर जेल के सलाखों के पीछे भेजने की साथ ही मुक्त करवाई गई लड़कियों के पुनर्वाश के ठोस व्यवस्था किये जाने की ताकि ये लडकिया भी बसंत का खुल कर आनंद ले पाये।

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