भारत नेपाल और बांग्लादेश सीमा पर जनसँख्या असंतुलन से आने वाले समय में सुरक्षा बालो को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है . सूत्रों की माने तो भारत बांग्लादेश सीमा हो या फिर नेपाल सीमा पर विगत कुछ वर्षो से धर्म विशेष के लोगो को बसाने की मुहीम एक सोची समझी साजिश के तहत रची जा रही है जिसकी वजह से सीमा क्षेत्र में हिन्दू समुदाय अल्पसंख्यक हो रहा है .प्रबुद्ध नागरिको को सायद यह बताना जरुरी नहीं की इससे क्या क्या खतरा हमारे सामने उतपन्न हो सकता है / राष्ट्रवादी संगठनो द्वारा सीमा क्षेत्र में किये गए सर्वे भी काफी चौकाने वाले है की किस प्रकार से जेहादी ताकतों द्वारा सीमा क्षेत्र में मदरसो की संख्या में बेतहासा वृद्धि की जा रही है और जनसँख्या बढ़ा कर सीमा क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की जा रही है . ख़ुफ़िया सूत्रों की माने तो नेपाल और बांग्लादेश सीमा पर कई आतंकी संगठन सक्रिय है जो आर्थिक रूप से कमजोर नागरिको को प्रस्रय देने का काम करते है और उसके बदले सीमा पर तैनात जवानो के खिलाफ इनकी बहन बेटियो को हथियार के रूप में इस्तेमाल करते है यही नहीं बॉर्डर पर जवानो को कई प्रकार के प्रलोभन दिए जाते है और जब इसमें सफलता नहीं मिलती तो बेवजह फ़साने की साजिश इनके द्वारा रची जाती है और पूरी सेना को कटघरे में रख कर ऐसा दिखने की कोशिश की जाती है की भारतीय सेना तुम्हारी और तुम्हारे तरक्की की दुसमन है . बिहार और बंगाल से लगती भारत नेपाल सीमा और बांग्लादेश सीमा पर विगत कुछ दिनों में घटी घटनाये भी अब गवाही देने लगी है की पूर्वोतर के क्षेत्र को अशांत करने की कोशिश किस प्रकार से की जा रही है गौरतलब हो की एक सप्ताह पूर्व बिहार के किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड स्थित भारत नेपाल सीमा पर सस्त्र सीमा बल के दो जवानो को बुरी तरह पीटा गया यह आरोप लगा कर की इन्होने लड़की के साथ छेड़खानी की है लेकिन जब पुलिस ने मामले की जांच की तो और लोगो से थाना में मामला दर्ज करवाने की अपील की तो किसी ने एफआईआर दर्ज नहीं करवाया आखिर क्यों ऐसी घटनाओ की बाढ़ सी हैं जहा जवानो के मनोबल को तोड़ने का प्रयाश अभी से आरम्भ हो चूका है इसलिए समय रहते जरुरत है की भारत सरकार मामले पर गंभीरता पूर्वक विचार करे और बिहार बंगाल से लगती नेपाल और बांग्लादेश सीमा पर कड़ी निगरानी करे ताकि पाकिस्तान सीमा और कश्मीर वाले हालत यहाँ पैदा ना हो ?
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